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20170501

विश्व शांति और साहित्य

अभ्यास मण्डल की व्याख्यान शृंखला में प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा


विगत लगभग छह दशकों से अध्ययन एवम् चेतना प्रसार सहित व्यापक सरोकारों को लेकर सक्रिय इंदौर की अनन्य संस्था अभ्यास मण्डल की व्याख्यान शृंखला में प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा के व्याख्यान का मौका यादगार रहा। विश्व शांति और साहित्य पर व्याख्यान में उनका कहना था, ग्लोबल बर्ल्ड में देशों के बीच दूरियां कम हुई हैं, लेकिन दिलों के बीच दूरियां बढ़ी हैं। आज दुनिया ने इतने हथियार  इकट्ठे कर लिए हैँ कि एक साथ कई पृथ्वियों को नष्ट किया जा सकता हैं। ऐसे अंधकार भरे समय में एक साहित्यकार ही विश्व शान्ति और दिलों में दूरियों को कम कर सकता है।

साहित्यकारों  ने हर काल खंड में विश्व शांति की कामना की है और अपनी रचनाओं में भी स्थान दिया। प्रकाश और अंधकार की लड़ाई तो प्राचीन काल से चली आ रही है और हमेशा ही साहित्यकारों ने अंधकार के ख़िलाफ़ लिखते हुए प्रकाश के पक्ष में अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है। महाभारत में चाहे वेद व्यास रहे हों या वर्तमान दौर के रचनाकार सभी ने युद्ध, हिंसा, आतंक और विद्वेष के खिलाफ आवाज़ उठाई है। 

समाज आराधक श्री मुकुंद कुलकर्णी  ने 1957 ई के आसपास अपने कुछ साथियों के साथ अभ्यास मण्डल की नींव रखी थी, जो आज इंदौर सहित मालवा की पहचान है। व्याख्यान के बाद 56 वीं व्याख्यानमाला के फोल्डर का विमोचन हुआ। इस मौके पर सर्वश्री आनन्दमोहन माथुर, शशीन्द्र जलधारी, संस्थाध्यक्ष शिवाजी मोहिते, सचिव परवेज़ खान, सुरेश उपाध्याय, डॉ हरेराम वाजपेयी, सदाशिव कौतुक, अरविन्द ओझा,  प्रवीण जोशी, डॉ पल्लवी आढ़ाव, मालासिंह ठाकुर, मनीषा गौर, तपन भट्टाचार्य, डॉ योगेन्द्रनाथ शुक्ल, रमेशचन्द्र पण्डित, पुष्पारानी गर्ग, प्रदीप नवीन आदि सहित अनेक सुधीजनों से भेंट का आत्मीय प्रसंग बना। 

इस मौके का भास्कर कवरेज और कुछ फ़ोटोग्राफ्स। सौजन्य: अभ्यास मण्डल@Parvez Khan






20170419

प्रो. शैलेंद्रकुमार शर्मा विनोबा भावे राष्ट्रीय नागरी लिपि सम्मान से अलंकृत

 विनोबा भावे राष्ट्रीय नागरी लिपि सम्मान से पुरी में सम्मानित हुए प्रो. शैलेंद्रकुमार शर्मा

विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलानुशासक प्रो. शैलेन्द्रकुमार शर्मा को ओड़ीसा के जगन्नाथ पुरी में राष्ट्रीय आचार्य विनोबा भावे नागरी लिपि सम्मान 2016 से सम्मानित किया गया। उन्हें यह सम्मान देवनागरी लिपि के संप्रसार एवं संवर्धन के लिए किए गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए नागरी लिपि परिषद, नई दिल्ली द्वारा पुरी में सम्पन्न नागरी लिपि परिषद के राष्ट्रीय अधिवेशन में दिया गया। उन्हें यह सम्मान हैदराबाद के आंध्र प्रदेश भूदान बोर्ड अध्यक्ष सी वी चारी, उत्कल राष्ट्रभाषा प्रचार सभा, कटक की मंत्री विनीता पाठक, नागरी लिपि परिषद के मंत्री डॉ परमानंद पांचाल एवं साहित्यकार राधाकान्त मिश्र द्वारा अर्पित किया गया। इस सम्मान के अंतर्गत उन्हें प्रशस्ति पत्र, सम्मान राशि, प्रतीक.चिह्न और अंगवस्त्र अर्पित किए गए। इस अधिवेशन के तकनीकी सत्र में प्रमुख वक्ता के रूप में प्रो॰ शर्मा ने विश्व पटल पर देवनागरी लिपि की वैज्ञानिकता और सूचना प्रौद्योगिकी पर केन्द्रित व्याख्यान भी दिया।
उनके द्वारा लिखित एवं सम्पादित पुस्तक देवनागरी विमर्श के गूगल बुक्स पर विवरण के लिए लिंक पर जाएं:
https://books.google.co.in/books/about/देवनागरी_विमर्.html?id=4o3vPgAACAAJ&redir_esc=y

प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा को आचार्य विनोबा भावे राष्ट्रीय नागरी लिपि सम्मान से अलंकृत करते अतिथिगण 

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