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20190703

Dekhi Jo Surat Aapari | Singer : Hemraj Goyal |Guru Mahima Bhajan | Guru Vandana | देखी जो सूरत आपरी | गुरु वंदना | गायक : हेमराज गोयल

Dekhi Jo Surat Aapari | Singer : Hemraj Goyal |Guru Mahima Bhajan | Guru Vandana | देखी जो सूरत आपरी | गुरु वंदना | गायक : हेमराज गोयल | Dekhi Jo Surat Aapari Duja naa aave day ji |
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20190122

प्रो. शैलेंद्रकुमार शर्मा अभिनव शब्द शिल्पी अलंकरण से सम्मानित

प्रो. शैलेंद्रकुमार शर्मा अभिनव शब्द शिल्पी अलंकरण से सम्मानित 

अभिनव शब्दशिल्पी अलंकरण 

अखिल भारतीय कला पर्व – उत्सव गणतंत्र में समालोचक, विक्रम विश्वविद्यालय,उज्जैन के हिंदी विभागाध्यक्ष एवं कुलानुशासक प्रो. शैलेंद्रकुमार शर्मा को अनवरत साहित्य समाराधना,कल्पनाशीलता एवं सर्जनात्मकता के लिए अभिनव शब्द शिल्पी अलंकरण 2019 से सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश के जनसम्पर्क, विधि एवं विधायी मंत्री श्री पी सी शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री विजयदत्त श्रीधर, समाजसेवी एवं प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता श्री आनन्द तारण के आतिथ्य में अभिनव कला परिषद द्वारा भोपाल में आयोजित अलंकरण समारोह में प्रो शर्मा को सम्मान पत्र, प्रतीक चिह्न, शॉल - श्रीफल अर्पित कर उन्हें सम्मानित किया गया।




मानस भवन, भोपाल में आयोजित इस समारोह में वरिष्ठ साहित्यकार श्री गौरीशंकर गौरीश, अभिनव कला परिषद के संस्थापक - सचिव श्री सुरेश तांतेड़, अध्यक्ष श्री सुभाष विट्ठलदास, डॉ रामवल्लभ आचार्य, श्री कमलेश जैमिनी, डॉ जगदीशचन्द्र शर्मा आदि सहित अनेक संस्कृतिकर्मी एवं साहित्यकार उपस्थित थे। प्रो शर्मा की इस उपलब्धि पर अनेक शिक्षाविद्, संस्कृतिकर्मी और साहित्यकारों ने हर्ष व्यक्त कर प्रो शर्मा को बधाई दी।


विगत तीन दशकों से साहित्याराधन, समीक्षा एवं अनुसंधानपरक लेखन में निरंतर सक्रिय प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा ने भाषा, साहित्य, रंग समीक्षा और लोक संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उन्होंने शब्दशक्ति सम्बन्धी भारतीय और पाश्चात्य अवधारणा तथा हिन्दी काव्यशास्त्र, देवनागरी विमर्श, मालवा का लोकनाट्‌य माच और अन्य विधाएं, हिन्दी भाषा संरचना, मालवी भाषा और साहित्य, अवन्ती क्षेत्र और सिंहस्थ महापर्व आदि सहित तीस से अधिक पुस्तकों का लेखन एवं सम्पादन किया है। शोध पत्रिकाओं और ग्रन्थों में उनके 300 से अधिक शोध एवं समीक्षा निबंधों तथा 800 से अधिक कला एवं रंगकर्म समीक्षाओं का प्रकाशन हुआ है। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के बीस से अधिक सम्मानों से अलंकृत प्रो शर्मा ने भाषा, लिपि, साहित्य और लोक संस्कृति से जुड़ी पंद्रह से अधिक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की अनेक संगोष्ठी और कार्यशालाओं का समन्वय किया है। जानकारी राजभाषा संघर्ष समिति, उज्जैन के संयोजक डॉ अनिल जूनवाल ने दी।






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