Lagya re Baan Mhare Shabd Gura ra | Sant Ravidas Bhajan | Singer Nandlal Bhat | लाग्या म्हारे बाण शब्द गुरा रा | सन्त रविदास जी का प्रसिद्ध भजन |
संत गुरु रविदास जी की अमृत वाणी | लागा रे बाण म्हारे शबद गुरा रा। नन्दलाल भाट
लागा रे बाण म्हारे शबद गुरा रा।
दोहा शबदा मारा मर गया,
शबदा छोड्यो राज,
जिण जिण शबद विचारिया,
वा रा सरिया काज।
लागा रे बाण म्हारे शबद गुरा रा,
घायल वे ज्यों री ए बातां,
लागा शबद म्हारे सेण सतगुरु रा,
घायल वे ज्यां री ए बातां।।
परणी नार पिया गम जाणे,
काई जाणे कवारी बाता,
बिना विवेक वा तो फिरे भटकती,
इण कारण खावे लाता,
लागा बाण म्हारे शबद गुरा रा,
घायल वे ज्यों री ए बातां,
लागा शबद म्हारे सेण सतगुरु रा,
घायल वे ज्यां री ए बातां।।
धरा असमान भले ही डिग जावे,
सुख जावे रे समदर सारा,
मैं म्हारा पिवजी ने कदे नी भूलूं,
पाव पलक ने दिन राता,
लागा बाण म्हारे शबद गुरा रा,
घायल वे ज्यों री ए बातां,
लागा शबद म्हारे सेण सतगुरु रा,
घायल वे ज्यां री ए बातां।।
प्रेम पोल में सतगुरु पोढ़िया,
मिलने री लग रही खाता,
गुरु प्रताप रविदास जी बोले,
तार में तार मिलाई दाता,
लागा बाण म्हारे शबद गुरा रा,
घायल वे ज्यों री ए बातां,
लागा शबद म्हारे सेण सतगुरु रा,
घायल वे ज्यां री ए बातां।।
लागा रे बाण म्हारे शबद गुरा रा,
घायल वे ज्यों री ए बातां,
लागा शबद म्हारे सेण सतगुरु रा,
घायल वे ज्यां री ए बातां।।
https://youtu.be/4NC0GAU3IOo
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