अखिल भारतीय कालिदास समारोह 2020
मध्यप्रदेश शासन के तत्वावधान में विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन, जिला प्रशासन एवं कालिदास संस्कृत अकादमी, उज्जैन का संयुक्त आयोजन
आमंत्रण पत्र : डाउनलोड करें PDF
https://drive.google.com/file/d/1hbrXLvcu24yt__ozJcDfLhCeW-5noBcN/view?usp=drivesdk
राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी
सुधी प्राध्यापक / शिक्षाविद् / शोधकर्ता कालिदास साहित्य के विविध आयामों पर स्वतंत्र रूप से या अंतरानुशासनिक दृष्टि से शोध पत्र प्रस्तुति के लिए सादर आमंत्रित हैं।
दिनांक : 26 एवं 27 नवंबर 2020
प्रतिदिन - प्रातः 10 : 00 बजे
स्थान : अभिरंग नाट्यगृह, कालिदास संस्कृत अकादमी विश्वविद्यालय मार्ग, उज्जैन
पंजीयन के लिए संपर्क :
प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा
सचिव
कालिदास समिति
विक्रम विश्वविद्यालय
सिंधिया प्राच्य विद्या शोध प्रतिष्ठान
देवास मार्ग, उज्जैन
ईमेल :
shailendrakumarsharmaprof@gmail.com
मो. 9826047765
मो. 7089513740
गढ़कालिका पर वागर्चन की विधि सम्पन्न
अ.भा. कालिदास समारोह के अवसर पर प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी प्रातः 10 बजे वागर्चन की विधि सन्त सुन्दरदास सेवा संस्थान एवं युग निर्माण समिति उज्जैन के सहकार से सम्पन्न हुई। इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.अखिलेश कुमार पाण्डेय, पूर्व कुलपति प्रो.बालकृष्ण शर्मा, कालिदास समिति के सचिव प्रो.शैलेन्द्रकुमार शर्मा, प्रो.तुलसीदास परोहा, अकादमी की प्रभारी निदेशक श्रीमती प्रतिभा दवे, उपनिदेशक डॉ.योगेश्वरी फिरोजिया, डॉ.पीयूष त्रिपाठी, डॉ.रमेश शुक्ल, श्री सत्यनारायण नाटानी, श्री मोहन खंडेलवाल मुकुल, श्री आशीष खंडेलवाल आदि गणमान्यजनों ने देवी का पूजन एवं स्तुति की। विद्वानों का स्वागत श्री मोहन खंडेलवाल मुकुल ने किया। धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम समन्वयक श्री राजेन्द्र अवस्थी ने किया।
कलश यात्रा एवं मंगल घट स्थापना के साथ कालिदास समारोह की शुरुआत
तीन दिवसीय अखिल भारतीय कालिदास समारोह देव प्रबोधिनी एकादशी (25 नवंबर) से प्रारंभ होगा। उद्घाटन कालिदास संस्कृत अकादमी के पं. सूर्यनारायण व्यास संकुल हॉल में शाम 4 बजे बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर करेंगी। अध्यक्षता उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव करेंगे। पहले दिन कालिदास साहित्य में वर्णित नायिकाओं पर आधारित संस्कृत नाटक दीपशिखा का मंचन सतीश दवे के निर्देशन में होगा। दूसरे दिन शर्मा शर्मा के निर्देशन में हिंदी नाटक मालविकाग्निमित्र और तीसरे दिन प्रज्ञा गढ़वाल के निर्देशन में मालवी नृत्यनाटिका ऋतुसंहार का मंचन होगा। ये तीनों प्रस्तुतियां शाम 7 बजे से पं. सूर्यनारायण व्यास संकुल में होगी।
उद्घाटन से एक दिन पहले अकादमी ने रामघाट पर कलश पूजन किया और फिर प्रतीकात्मक यात्रा निकाल कलश को कालिदास अकादमी में स्थापित किया। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अखिलेशकुमार पांडेय, कालिदास समिति के सचिव प्रो. शैलेंद्रकुमार शर्मा, अकादमी की प्रभारी निदेशक प्रतिभा दवे, एसडीएम राकेशमोहन त्रिपाठी, नायब तहसीलदार भूमिका जैन, रूप पमनानी, ओम जैन उपस्थित थे। इस अवसर पर विधायक पारस जैन ने ज्योतिषविद् पं. आनंदशंकर व्यास का सम्मान किया। पं. व्यास ने कहा कि समारोह का मूल उद्देश्य संपूर्ण विश्व में संस्कृत संबंधी कार्य को एक मंच पर लाना है। पूर्व में महाकाल मंदिर और योगेश्वर टेकरी से मेघदूत के श्लोकों का प्रसारण होता था, वह दोबारा शुरू किया जाना चाहिए।
समारोह अंतर्गत मंगलवार शाम पं. सूर्यनारायण व्यास संकुल हॉल में नांदी कार्यक्रम अंतर्गत उज्जैन के नगाड़ा वादक नरेंद्र कुशवाह और लोक गायक सुंदरलाल मालवीय ने साथी कलाकारों के साथ प्रस्तुति दी। कार्यक्रम कोविड-19 गाइडलाइन पालन करते हुए किया गया। बताया कि कालिदास समारोह के उद्घाटन के साथ राष्ट्रीय चित्र एवं मूर्तिशिल्प कला की प्रदर्शनी का उद्घाटन भी होगा। ये प्रदर्शनी 1 दिसंबर तक सुबह 10 से रात 8 बजे तक लोग देख सकेंगे। इस प्रदर्शनी का अवलोकन यू-ट्यूब चैनल के माध्यम से भी किया जा सकेगा। समारोह के तीनों दिन अभिरंग नाट्यगृह में राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी भी होगी।
कालिदास समारोह के संदर्भ में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष 24 नवम्बर को प्रतीकात्मक रूप में कलश यात्रा के संदर्भ में भगवती शिप्रा का पूजन एवं मंगल कलश का पूजन प्रातः 9 बजे शिप्रा तट रामघाट पर किया गया। वहां से कलश लेकर भगवान महाकाल को प्रणाम करते हुए अकादमी में मंगल कलश की स्थापना की गई। इस अवसर पर जनप्रतिनिधि, प्रशासकीय अधिकारी, समाजसेवी एवं आयोजन के अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति रही।
नान्दी के अंतर्गत हुई सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
कालिदास समारोह शुभारंभ की पूर्व संध्या पर नांदी के अंतर्गत लोक गायक श्री सुंदर लाल मालवीय और उनके समूह द्वारा निर्गुणी भजनों की प्रस्तुति की गई। नगाड़ा सम्राट श्री नरेंद्र सिंह कुशवाहा एवं समूह द्वारा ताल वाद्य वादन किया गया।