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20231110

All India Kalidas Festiva : National Seminar, Debut and Shlok Path | अखिल भारतीय कालिदास समारोह 2023 : राष्ट्रीय संगोष्ठी, वादविवाद एवं श्लोक पाठ

अखिल भारतीय कालिदास समारोह : सारस्वत आयोजन : उत्कृष्ट शोध पत्र के लिए विक्रम कालिदास पुरस्कार 2023 | अखिल भारतीय संस्कृत वाद विवाद प्रतियोगिता | राज्य स्तरीय हिंदी वाद विवाद प्रतियोगिता | राज्य स्तरीय श्लोक पाठ प्रतियोगिता


विक्रम कालिदास पुरस्कार 2023 हेतु गुणवत्तापूर्ण शोध पत्र आमंत्रित : अंतिम तिथि : 20 नवम्बर 2023

कालिदास समिति, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन द्वारा जारी सभी कार्यक्रमों के विस्तृत नियम - निर्देश यहाँ दिए गए हैं।

अखिल भारतीय कालिदास समारोह का आयोजन दिनांक 23 से 29 नवंबर 2023 तक किया जा रहा है।


अकादमिक कार्यक्रमों के अंतर्गत शोध संगोष्ठी के चार सत्र आयोजित किए जाएंगे। विक्रम कालिदास पुरस्कार हेतु प्रविष्टि के अलावा कालिदास साहित्य के विविध पक्षों पर केंद्रित शोध पत्र प्रस्तुति के लिए सुधी विद्वान, प्राध्यापक और शोधकर्ता आमंत्रित हैं।

 

महाकवि कालिदास 



विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन 

*** 

अखिल भारतीय कालिदास समारोह 23 से 29 नवम्बर 2023 : उज्जैन 

सारस्वत आयोजन : विस्तृत विवरण

● कालिदास साहित्य के विविध पक्षों पर राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के चार सत्र


● अखिल भारतीय अंतरविश्वविद्यालयीन संस्कृत वादविवाद प्रतियोगिता


● राज्य स्तरीय अन्तरमहाविद्यालयीन कालिदास काव्य पाठ प्रतियोगिता

 

●  राज्य स्तरीय हिंदी वादविवाद प्रतियोगिता 


मध्यप्रदेश शासन के तत्वावधान में विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन, जिला प्रशासन एवं कालिदास संस्कृत अकादमी, उज्जैन का संयुक्त आयोजन  अखिल भारतीय कालिदास समारोह 2023 दिनांक 23 से 29 नवम्बर तक सम्पन्न होगा। समारोह के सारस्वत आयोजनों के अंतर्गत विक्रम विश्वविद्यालय की कालिदास समिति द्वारा राष्ट्रीय संगोष्ठी के चार सत्रों के साथ विद्यार्थियों की स्पर्धाओं के अंतर्गत अंतरविश्वविद्यालयीन संस्कृत वाद विवाद, राज्य स्तर की अंतर महाविद्यालयीन कालिदास काव्य पाठ और हिंदी वाद विवाद प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा।

समारोह में विभिन्न संगोष्ठी सत्रों में कालिदास साहित्य के विविध आयामों पर स्वतंत्र रूप से या अंतरानुशासनिक दृष्टि से शोध पत्र प्रस्तुति के लिए आमंत्रित हैं। शोध पत्र साहित्य, कला, वास्तु, संस्कृति, इतिहास, पुरातत्व, ज्ञान - विज्ञान, पर्यावरण, दर्शन, जीवन मूल्य, शिक्षा, समाजविज्ञान, मनोविज्ञान, अर्थशास्त्र आदि के परिप्रेक्ष्य में कालिदास साहित्य के किसी पक्ष से जुड़े हो सकते हैं।

विक्रम कालिदास पुरस्कार : विवरण
















वादविवाद प्रतियोगिता विवरण: 

अखिल भारतीय स्तर की अंतरविश्वविद्यालयीन कालिदास संस्कृत वाद विवाद प्रतियोगिता का विषय “कालिदासीयकाव्येषु यथाऽस्ति सुप्रतिष्ठितम्। तथा मानवमूल्यानां नान्यकाव्येषु गौरवम्॥“ रखा गया है। 




मध्यप्रदेश राज्य स्तर की अंतर महाविद्यालयीन कालिदास हिंदी वाद विवाद प्रतियोगिता का विषय ‘मानवीय मूल्यों का गौरव केवल महाकवि कालिदास की रचनाओं में प्रतिष्ठित है’, रखा गया है। 














कालिदास काव्य पाठ प्रतियोगिता विवरण

मध्यप्रदेश राज्य स्तर की कालिदास काव्य पाठ  प्रतियोगिता में विद्यार्थियों को श्लोकों का चयन महाकवि कालिदास की अमर कृति कुमारसम्भव से करना होगा।


यह जानकारी देते हुए विक्रम विश्वविद्यालय की कालिदास समिति के सचिव प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा Shailendrakumar Sharma  ने बताया कि अकादमिक आयोजनों में देश के विभिन्न क्षेत्रों के विद्वान, शिक्षक, शोधकर्ता और विद्यार्थी भाग लेने के लिए उज्जैन आते हैं। राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी में भाग लेने के लिए देश के विभिन्न प्रांतों के प्राध्यापक, शिक्षाविद् एवं शोधकर्ताओं से कालिदास साहित्य के विविध आयामों पर स्वतंत्र रूप से या अंतरानुशासनिक दृष्टि से शोध पत्र आमंत्रित किए गए हैं। शोध संगोष्ठी के चार सत्रों का आयोजन विश्वविद्यालय मार्ग, उज्जैन स्थित अभिरंग नाट्यगृह, कालिदास संस्कृत अकादमी में होगा। इनमें से एक विशेष सत्र विक्रम कालिदास पुरस्कार विजेता शोधपत्रों की प्रस्तुति का होगा। शोध पत्र प्रस्तुतकर्ता पंजीयन एवं शोध पत्र प्रेषण के लिए कालिदास समिति कार्यालय, सिंधिया प्राच्य विद्या शोध प्रतिष्ठान, विक्रम विश्वविद्यालय, देवास मार्ग, उज्जैन में सम्पर्क कर सकते हैं।


पंजीयन के लिए संपर्क :


प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा

सचिव

कालिदास समिति

कुलानुशासक

विक्रम विश्वविद्यालय

सिंधिया प्राच्य विद्या शोध प्रतिष्ठान 

देवास मार्ग, उज्जैन 

ईमेल :

shailendrakumarsharmaprof@gmail.com



विवरण प्रस्तुत है


https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=pfbid02i4uTZurUNHEnRThvAPufB2JRiPZh1c2FiMetPbMaP1L81e8VrTDTgbBfkpJnF4Vml&id=100001476965950&mibextid=2JQ9oc


*Kalidasa | Sanskrit Drama | Art | Litreture | History | Special Lecture:* https://www.youtube.com/playlist?list=PLNYnK1eOGDVUhg6pnymIe064n77GvVioJ

20221103

Vagarchan : Worship of Mahakavi Kalidas's Aaradhya Gadkalika |वागर्चन : महाकवि कालिदास की आराध्या गढ़कालिका की समर्चना

वागर्चन : महाकवि कालिदास की आराध्या गढ़कालिका की समर्चना

- प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा 

अखिल भारतीय कालिदास समारोह का शुभारंभ चार नवंबर को होगा। इसके पहले महाकवि कालिदास की आराध्या देवी मां गढ़ कालिका का पूजन ; अर्चन कर वागर्चन किया। इस दौरान कालिदास समारोह समिति के पदाधिकारी मौजूद थे। महाकवि कालिदास की आराध्या गढ़कालिका देवी का पूजन एवं स्तोत्र पाठ बुधवार को किया गया। इस दौरान महाकवि कालिदास विरचित श्यामलादंडकम् का पाठ कर मां गढ़कालिका से कालिदास समारोह निर्विघ्न संपन्न होने की कामना की। कहा जाता है कि वागर्चन महाकवि द्वारा उनकी वाणी से लिखा गया है। मां गढ़कालिका की कृपा से ही कवि कालिदास को वाक् सिद्धि प्राप्त हुई थी। इस दौरान पूर्व कुलपति प्रो. बालकृष्ण शर्मा, कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय, कालिदास समारोह समिति के सचिव प्रो. शैलेन्द्र कुमार शर्मा, प्रभारी निदेशक संतोष पंडया, उपनिदेशक डॉ योगेश्वरी फिरोजिया आदि उपस्थित थे। 

वागर्चन की विधि सन्त सुन्दरदास सेवा संस्थान एवं युग निर्माण समिति उज्जैन के सहकार से सम्पन्न हुई। प्रो.तुलसीदास परोहा, डॉ.पीयूष त्रिपाठी, डॉ.रमेश शुक्ल, श्री सत्यनारायण नाटानी, श्री मोहन खंडेलवाल मुकुल, श्री आशीष खंडेलवाल आदि गणमान्यजनों ने देवी का पूजन एवं स्तुति की। विद्वानों का स्वागत श्री मोहन खंडेलवाल मुकुल ने किया। 

 















5 नवम्बर को नगर में निकलेगी कलशयात्रा

कालिदास समारोह के शुभारंभ पूर्व देवी गढ़कालिका की आराधना के पश्चात कल गुरूवार को सुबह 10 बजे रामघाट पर मां शिप्रा एवं कलश पूजन होगा। इसके बाद सुबह 10.30 बजे से महाकाल मंदिर से कलशयात्रा प्रारंभ होगी। कलशयात्रा में भावनगर गुजरात के लोक कलाकारों का दल नितिन भाई दवे के मार्गदर्शन में एवं झाबुआ के हिंदूसिंह अमलीयार के पारम्परिक लोक समूह द्वारा लोकनृत्य की प्रस्तुति सम्पूर्ण कलश यात्रा मार्ग पर की जाएगी।

कलशयात्रा मार्ग पर संस्कार भारती के रांगोली दल द्वारा रांगोली का निर्माण किया जाएगा। कलशयात्रा गुदरी चौराहा, गोपाल मंदिर, छत्रीचौक, कंठाल, नईसड़क, दौलतगंज, मालीपुरा, देवासगेट, चामुंडा चौराहा, टॉवर चौक, शहीद पार्क, ढक्कन वाला कुआं, गुरुद्वारा, पुलिस कंट्रोल रूम, दशहरा मैदान चौराहा, संजीवनी अस्पताल के सामने से होती हुई अकादमी परिसर पहुंचेगी, जहां मंगल कलश की स्थापना होगी।


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All India Kalidas Samaroh 2022 :  Invitation | अखिल भारतीय कालिदास समारोह 2022 : आत्मीय आमंत्रण 🏵️


अखिल भारतीय कालिदास समारोह : 4 - 10 नवम्बर 2022 : मध्य प्रदेश शासन के तत्वावधान में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन जिला प्रशासन एवं कालिदास संस्कृत अकादमी द्वारा आयोजित अखिल भारतीय कालिदास समारोह 2022 के समस्त सारस्वत एवं सांस्कृतिक आयोजनों में आपकी उपस्थिति  प्रार्थनीय है।


https://drshailendrasharma.blogspot.com/2022/11/all-india-kalidas-samaroh-2022.html


20221101

All India Kalidas Samaroh 2022 : Invitation | अखिल भारतीय कालिदास समारोह 2022 : आमंत्रण

All India Kalidas Samaroh 2022 :  Invitation | अखिल भारतीय कालिदास समारोह 2022 : आमंत्रण

अखिल भारतीय कालिदास समारोह : 4 - 10 नवम्बर 2022

मध्य प्रदेश शासन के तत्वावधान में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन जिला प्रशासन एवं कालिदास संस्कृत अकादमी द्वारा आयोजित अखिल भारतीय कालिदास समारोह 2022 के समस्त सारस्वत एवं सांस्कृतिक आयोजनों में आपकी उपस्थिति सादर प्रार्थनीय है। 

आमंत्रण पत्र के लिए लिंक

अखिल भारतीय कालिदास समारोह 2022 : आमंत्रण पत्र 

https://drive.google.com/file/d/1Ahh-k1yQ6XrBdobWiISB9cFFEdqbEsGV/view?usp=drivesdk


राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी : शोध पत्र प्रस्तुति के लिए आमंत्रण 

अखिल भारतीय कालिदास समारोह 2022 : दिनांक 4 से 10 नवंबर : मध्यप्रदेश शासन के तत्वावधान में विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन, जिला प्रशासन एवं कालिदास संस्कृत अकादमी, उज्जैन का संयुक्त आयोजन। सुधी प्राध्यापक /साहित्यकार/ शिक्षाविद् / शोधकर्ता कालिदास साहित्य के विविध आयामों पर स्वतंत्र रूप से या अंतरानुशासनिक दृष्टि से शोध पत्र प्रस्तुति के लिए आमंत्रित हैं। शोध पत्र साहित्य, कला, संस्कृति, इतिहास, पुरातत्व, ज्ञान - विज्ञान, वास्तु, पर्यावरण, दर्शन, जीवन मूल्य, शिक्षा, समाजविज्ञान, मनोविज्ञान, अर्थशास्त्र आदि के परिप्रेक्ष्य में कालिदास साहित्य के किसी पक्ष से जुड़े हो सकते हैं।*

विस्तृत जानकारी के लिए लिंक : 

https://drshailendrasharma.blogspot.com/2022/10/all-india-kalidas-festival-2022.html



















































अखिल भारतीय कालिदास समारोह 2022

अखिल भारतीय कालिदास समारोह 4 से 10 नवम्बर तक उज्जैन में, देश के बारह से अधिक प्रान्तों के विद्वान, कलाकार और संस्कृतिकर्मी भाग लेंगे

सारस्वत आयोजनों के अंतर्गत होंगे कालिदास साहित्य के विविध पक्षों पर राष्ट्रीय संगोष्ठी के छह सत्र, व्याख्यानमाला के पाँच सत्र एवं तीन स्पर्धाएं 

अखिल भारती अंतरविश्वविद्यालयीन संस्कृत वादविवाद, राज्य स्तरीय अन्तरमहाविद्यालयीन कालिदास काव्य पाठ और हिंदी वादविवाद प्रतियोगिताएँ होंगी

मध्यप्रदेश शासन के तत्वावधान में विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन, जिला प्रशासन एवं कालिदास संस्कृत अकादमी, उज्जैन का संयुक्त आयोजन अखिल भारतीय कालिदास समारोह 2022 दिनांक 4 से 10 नवम्बर तक सम्पन्न होगा। सारस्वत एवं सांस्कृतिक आयोजनों में भाग लेने के लिए देश के विभिन्न भागों के सैकड़ों विद्वान, संस्कृतिकर्मी, कलाकार, शोधकर्ता और विद्यार्थी उज्जैन आ रहे हैं। समारोह के शुभारंभ के पूर्व 3 नवंबर को मंगल कलश यात्रा प्रातः 10:00 से प्रातः रामघाट से प्रारंभ होकर कालिदास संस्कृत अकादमी पहुंचेगी। इसी रात्रि को नांदी के अंतर्गत महत्वपूर्ण प्रस्तुतियां होंगी। महाकवि कालिदास की विश्वविश्रुत कृति विक्रमोर्वशीय से अनुप्राणित चित्र एवं मूर्ति कलाकृतियों की राष्ट्रीय कालिदास प्रदर्शनी दिनांक 4 नवम्बर को उद्घाटन के पश्चात् से 10 नवंबर तक प्रतिदिन साहित्यप्रेमियों, कलारसिकों और सुधीजनों के अवलोकनार्थ खुली रहेगी। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत प्रतिदिन संध्या 7:00 बजे नाट्य, नृत्य एवं संगीत की मनोरम प्रस्तुतियां होंगी।

समारोह के सारस्वत आयोजनों के अंतर्गत कालिदास संस्कृत अकादमी द्वारा भारतीय संस्कृति की दीपशिखा कालिदास पर केंद्रित राष्ट्रीय संगोष्ठी के दो सत्र एवं विक्रम विश्वविद्यालय की कालिदास समिति द्वारा राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के चार सत्रों का आयोजन किया जाएगा। समारोह के दौरान संस्कृत कवि समवाय के अंतर्गत संस्कृत काव्यपाठ, पंडित सूर्यनारायण व्यास व्याख्यानमाला एवं महाकवि कालिदास व्याख्यानमाला के अंतर्गत अनेक महत्वपूर्ण व्याख्यान होंगे। विद्यार्थियों की स्पर्धाओं के अंतर्गत अंतरविश्वविद्यालयीन संस्कृत वाद विवाद, राज्य स्तर की अंतर महाविद्यालयीन कालिदास काव्य पाठ और हिंदी वाद विवाद प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा। 

यह जानकारी देते हुए विक्रम विश्वविद्यालय की कालिदास समिति के सचिव प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा एवं कालिदास संस्कृत अकादमी के प्रभारी निदेशक डॉ संतोष पंड्या ने बताया कि विद्यार्थियों के लिए अखिल भारतीय स्तर की अंतरविश्वविद्यालयीन कालिदास संस्कृत वाद विवाद प्रतियोगिता का विषय कालिदासस्य काव्येषु राजवैभववर्णनम्, संदृश्यते यथा स्पष्टं न तथा लोकजीवनम् रखा गया है। राज्य स्तर की अंतर महाविद्यालयीन कालिदास हिंदी वाद विवाद प्रतियोगिता का विषय महाकवि कालिदास की रचनाओं में राजवैभव का स्पष्ट वर्णन हुआ है, लोकजीवन का नहीं, रखा गया है। राज्य स्तर की कालिदास काव्य पाठ  प्रतियोगिता में विद्यार्थियों को श्लोकों का चयन महाकवि कालिदास की अमर कृति मालविकाग्निमित्रम् से करना होगा।

अकादमिक एवं सांस्कृतिक आयोजनों में देश के बारह से अधिक राज्यों के विद्वान, कलाकार, संस्कृतिकर्मी, शिक्षक, शोधकर्ता और विद्यार्थी भाग लेने के लिए उज्जैन आ रहे हैं। कालिदास संस्कृति अकादमी द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के दो सत्र विश्वविद्यालय मार्ग, उज्जैन स्थित अभिरंग नाट्यगृह, कालिदास संस्कृत अकादमी में होंगे, जिनका विषय है भारतीय संस्कृति की दीपशिखा कालिदास। कालिदास समिति द्वारा संयोजित राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के चार सत्रों का आयोजन में होगा। इनमें से एक विशेष सत्र विक्रम कालिदास पुरस्कार विजेता शोधपत्रों की प्रस्तुति का होगा। 

राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी में भाग लेने के लिए देश के विभिन्न प्रांतों के प्राध्यापक, शिक्षाविद् एवं शोधकर्ताओं से कालिदास साहित्य के विविध आयामों पर स्वतंत्र रूप से या अंतरानुशासनिक दृष्टि से शोध पत्र आमंत्रित किए गए हैं। शोध पत्र प्रस्तुतकर्ता पंजीयन एवं शोध पत्र प्रेषण के लिए कालिदास समिति कार्यालय, सिंधिया प्राच्य विद्या शोध प्रतिष्ठान, विक्रम विश्वविद्यालय, देवास मार्ग, उज्जैन में सम्पर्क कर सकते हैं।

शोध पत्र वाचन के लिए राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के चार सत्र अभिरंग नाट्यगृह, कालिदास संस्कृत अकादमी, कोठी रोड, उज्जैन में निम्नानुसार तिथियों एवं समय पर होंगे :


राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी 

प्रथम सत्र 5 नवम्बर 2022 दोपहर 2:30

द्वितीय सत्र 6 नवम्बर 2022 दोपहर 2:30 बजे 

तृतीय सत्र 7 नवम्बर 2022 दोपहर 2:30 बजे 

(विक्रम कालिदास पुरस्कार के लिए चयनित शोध पत्रों की प्रस्तुति)

चतुर्थ सत्र 8 नवम्बर 2022 प्रातः 10:00 बजे

संगोष्ठी स्थान : 

अभिरंग नाट्यगृह

कालिदास संस्कृत अकादमी

विश्वविद्यालय मार्ग, उज्जैन

शोध पत्र प्रस्तुति हेतु पंजीयन के लिए सम्पर्क : 

प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा 

सचिव 

कालिदास समिति 

कला संकायाध्यक्ष एवं कुलानुशासक

विक्रम विश्वविद्यालय

 सिंधिया प्राच्य विद्या शोध प्रतिष्ठान

 देवास रोड 

उज्जैन मध्य प्रदेश

पिन कोड 456010


ईमेल : 

shailendrakumarsharmaprof@gmail.com


विक्रम पत्रिका के कालिदास विशेषांक के लिए लिंक पर जाएं :


20221026

All India Kalidas Festival 2022 : National Seminar |अखिल भारतीय कालिदास समारोह 2022 : राष्ट्रीय संगोष्ठी

अखिल भारतीय कालिदास समारोह 4 से 10 नवम्बर 2022 : उज्जैन 

सारस्वत आयोजन : कालिदास साहित्य के विविध पक्षों पर राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के चार सत्र

अखिल भारतीय अंतरविश्वविद्यालयीन संस्कृत वादविवाद के साथ राज्य स्तरीय अन्तरमहाविद्यालयीन कालिदास काव्य पाठ और हिंदी वादविवाद प्रतियोगिताएँ 



समस्त सारस्वत एवं सांस्कृतिक आयोजनों में आपकी उपस्थिति सादर प्रार्थनीय है। 

अखिल भारतीय कालिदास समारोह 2022 : आमंत्रण पत्र 

https://drive.google.com/file/d/1Ahh-k1yQ6XrBdobWiISB9cFFEdqbEsGV/view?usp=drivesdk


मध्यप्रदेश शासन के तत्वावधान में विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन, जिला प्रशासन एवं कालिदास संस्कृत अकादमी, उज्जैन का संयुक्त आयोजन  अखिल भारतीय कालिदास समारोह 2022 दिनांक 4 से 10 नवम्बर तक सम्पन्न होगा। समारोह के सारस्वत आयोजनों के अंतर्गत विक्रम विश्वविद्यालय की कालिदास समिति द्वारा राष्ट्रीय संगोष्ठी के चार सत्रों के साथ विद्यार्थियों की स्पर्धाओं के अंतर्गत अंतरविश्वविद्यालयीन संस्कृत वाद विवाद, राज्य स्तर की अंतर महाविद्यालयीन कालिदास काव्य पाठ और हिंदी वाद विवाद प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा। 


अखिल भारतीय स्तर की अंतरविश्वविद्यालयीन कालिदास संस्कृत वाद विवाद प्रतियोगिता का विषय  कालिदासस्य काव्येषु राजवैभववर्णनम्, संदृश्यते यथा स्पष्टं न तथा लोकजीवनम् रखा गया है। राज्य स्तर की अंतर महाविद्यालयीन कालिदास हिंदी वाद विवाद प्रतियोगिता का विषय है, महाकवि कालिदास की रचनाओं में राजवैभव का स्पष्ट वर्णन हुआ है, लोकजीवन का नहीं। राज्य स्तर की कालिदास काव्य पाठ  प्रतियोगिता में विद्यार्थियों को श्लोकों का चयन महाकवि कालिदास की अमर कृति मालविकाग्निमित्रम् से करना होगा।


यह जानकारी देते हुए विक्रम विश्वविद्यालय की कालिदास समिति के सचिव एवं कला संकायाध्यक्ष प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा Shailendrakumar Sharma  ने बताया कि अकादमिक आयोजनों में देश के दस से अधिक राज्यों के विद्वान, शिक्षक, शोधकर्ता और विद्यार्थी भाग लेने के लिए उज्जैन आ रहे हैं। राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी में भाग लेने के लिए देश के विभिन्न प्रांतों के प्राध्यापक, शिक्षाविद् एवं शोधकर्ताओं से कालिदास साहित्य के विविध आयामों पर स्वतंत्र रूप से या अंतरानुशासनिक दृष्टि से शोध पत्र आमंत्रित किए गए हैं। 

शोध संगोष्ठी के चार सत्रों का आयोजन विश्वविद्यालय मार्ग, उज्जैन स्थित अभिरंग नाट्यगृह, कालिदास संस्कृत अकादमी में होगा। इनमें से एक विशेष सत्र विक्रम कालिदास पुरस्कार विजेता शोधपत्रों की प्रस्तुति का होगा। शोध पत्र प्रस्तुतकर्ता पंजीयन एवं शोध पत्र प्रेषण के लिए कालिदास समिति कार्यालय, सिंधिया प्राच्य विद्या शोध प्रतिष्ठान, विक्रम विश्वविद्यालय, देवास मार्ग, उज्जैन में सम्पर्क कर सकते हैं। 






Kalidas


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अखिल भारतीय कालिदास समारोह 2022 : 4 से 10 नवम्बर 2022

मध्यप्रदेश शासन के तत्वावधान में विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन, जिला प्रशासन एवं कालिदास संस्कृत अकादमी, उज्जैन का संयुक्त आयोजन 

अखिल भारतीय कालिदास समारोह 2022 : सारस्वत आयोजन 

अखिल भारतीय कालिदास समारोह 2022 के समस्त सांस्कृतिक एवं सारस्वत आयोजनों में आपकी उपस्थिति सादर प्रार्थनीय है। राष्ट्रीय संगोष्ठी के साथ स्पर्धाओं के अंतर्गत संस्कृत वाद विवाद, संस्कृत श्लोक पाठ और हिंदी वाद विवाद में सहभागिता का अनुरोध है। विस्तृत जानकारी के लिए लिंक पर जाएँ। 


https://www.facebook.com/100001476965950/posts/5669747819751061/


राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी :

सुधी प्राध्यापक / शिक्षाविद् / शोधकर्ता कालिदास साहित्य के विविध आयामों पर स्वतंत्र रूप से या अंतरानुशासनिक दृष्टि से शोध पत्र प्रस्तुति के लिए सादर आमंत्रित हैं।शोध पत्र साहित्य, कला, वास्तु, संस्कृति, इतिहास, पुरातत्व, विज्ञान, पर्यावरण, दर्शन,  जीवन मूल्य, शिक्षा,  समाजविज्ञान, मनोविज्ञान, अर्थशास्त्र आदि के परिप्रेक्ष्य में कालिदास साहित्य के किसी पक्ष से जुड़े हो सकते हैं। सभी सुधीजन कालिदास साहित्य के विविध आयामों पर स्वतंत्र रूप से या अंतरानुशासनिक दृष्टि से शोध पत्र प्रस्तुति के लिए सादर आमंत्रित हैं।


शोध पत्र वाचन के लिए राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के चार सत्र अभिरंग नाट्यगृह, कालिदास संस्कृत अकादमी, कोठी रोड, उज्जैन में निम्नानुसार तिथियों एवं समय पर होंगे :


राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी 

प्रथम सत्र 5 नवम्बर 2022 दोपहर 2:30

द्वितीय सत्र 6 नवम्बर 2022 दोपहर 2:30 बजे 

तृतीय सत्र 7 नवम्बर 2022 दोपहर 2:30 बजे 

(विक्रम कालिदास पुरस्कार के लिए चयनित शोध पत्रों की प्रस्तुति)

चतुर्थ सत्र 8 नवम्बर 2022 प्रातः 10:00 बजे

संगोष्ठी स्थान : 

अभिरंग नाट्यगृह

कालिदास संस्कृत अकादमी

विश्वविद्यालय मार्ग, उज्जैन



शोध पत्र प्रस्तुति हेतु पंजीयन के लिए सम्पर्क : 

प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा 

सचिव 

कालिदास समिति 

कला संकायाध्यक्ष एवं कुलानुशासक

विक्रम विश्वविद्यालय

 सिंधिया प्राच्य विद्या शोध प्रतिष्ठान

 देवास रोड 

उज्जैन मध्य प्रदेश

पिन कोड 456010


ईमेल : 

shailendrakumarsharmaprof@gmail.com



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20211113

All India Kalidas Samaroh Invitation | अखिल भारतीय कालिदास समारोह : आमंत्रण

अखिल भारतीय कालिदास समारोह : 15 - 21 नवम्बर 2021 

समस्त सारस्वत एवं सांस्कृतिक आयोजनों में आपकी उपस्थिति सादर प्रार्थनीय है। 


राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी : शोध पत्र प्रस्तुति के लिए आमंत्रण 

https://drshailendrasharma.blogspot.com/2021/11/all-india-kalidas-festival-national.html







































वागर्चन





वागर्चन : अखिल भारतीय कालिदास समारोह के अवसर पर शनिवार महाकवि कालिदास की आराध्या भगवती गढ़कालिका का पूजन एवं विविध स्तोत्रों का पाठ गढ़कालिका मंदिर पर किया गया और समारोह के निर्विघ्न सम्पन्न होने की प्रार्थना की गई। 


राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी

15 से 21 नवम्बर 2021, उज्जैन 

मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग के तत्वावधान में विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन और कालिदास संस्कृत अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद द्वारा अखिल भारतीय कालिदास समारोह का आयोजन दिनांक 15 नवंबर से 21 नवंबर 2021 तक उज्जैन में किया जा रहा है। इस अवसर पर कालिदास साहित्य के विविध पक्षों से जुड़े शोध पत्रों की प्रस्तुति के लिए राष्ट्रीय संगोष्ठी के चार सत्र कालिदास समिति, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन द्वारा अभिरंग नाट्यगृह, कालिदास संस्कृत अकादमी में आयोजित किए जाएंगे।

प्रथम सत्र : दिनांक 16 नवम्बर 2021, दोपहर 2:30 बजे 

द्वितीय सत्र : दिनांक 17 नवम्बर 2021, दोपहर 3:00 बजे

तृतीय सत्र : विक्रम कालिदास पुरस्कार के लिए चयनित शोध पत्र  : दिनांक 18 नवम्बर 2021, दोपहर 3:00 बजे

चतुर्थ सत्र : दिनांक 19 नवम्बर 2021, प्रातः 10:00

शोध पत्र संगोष्ठी के इन महत्त्वपूर्ण सत्रों के लिए सुधी प्राध्यापकों, साहित्यकारों, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों से कालिदास साहित्य से सम्बद्ध विषयों पर शोध पत्र आमंत्रित हैं। शोध पत्र साहित्य, कला, वास्तु, संस्कृति, इतिहास, पुरातत्व, विज्ञान, पर्यावरण, दर्शन,  जीवन मूल्य, शिक्षा,  समाजविज्ञान, मनोविज्ञान, अर्थशास्त्र आदि के परिप्रेक्ष्य में कालिदास साहित्य के किसी पक्ष से जुड़े हो सकते हैं। 

सभी सुधीजन कालिदास साहित्य के विविध आयामों पर स्वतंत्र रूप से या अंतरानुशासनिक दृष्टि से शोध पत्र प्रस्तुति के लिए सादर आमंत्रित हैं।

प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा
आचार्य एवं कुलानुशासक
हिंदी विभागाध्यक्ष 
सचिव कालिदास समिति
विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन

विशेष जानकारी एवं पंजीयन के लिए संपर्क करें :

कालिदास समिति कार्यालय,

सिंधिया प्राच्य विद्या शोध प्रतिष्ठान, विक्रम विश्वविद्यालय, देवास रोड  (ऋषि नगर पेट्रोल पंप के सामने) उज्जैन

मोबाइल : 9630447895

मोबाइल : 9926396081



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20211111

All India Kalidas Festival | National Seminar |अखिल भारतीय कालिदास समारोह | राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी

अखिल भारतीय कालिदास समारोह 

राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी

सादर आमंत्रण


15 से 21 नवम्बर 2021, उज्जैन 

मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग के तत्वावधान में विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन और कालिदास संस्कृत अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद द्वारा अखिल भारतीय कालिदास समारोह का आयोजन दिनांक 15 नवंबर से 21 नवंबर 2021 तक उज्जैन में किया जा रहा है। इस अवसर पर कालिदास साहित्य के विविध पक्षों से जुड़े शोध पत्रों की प्रस्तुति के लिए राष्ट्रीय संगोष्ठी के चार सत्र कालिदास समिति, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन द्वारा अभिरंग नाट्यगृह, कालिदास संस्कृत अकादमी में आयोजित किए जाएंगे।

प्रथम सत्र : दिनांक 16 नवम्बर 2021, दोपहर 2:30 बजे 

द्वितीय सत्र : दिनांक 17 नवम्बर 2021, दोपहर 3:00 बजे

तृतीय सत्र : विक्रम कालिदास पुरस्कार के लिए चयनित शोध पत्र  : दिनांक 18 नवम्बर 2021, दोपहर 3:00 बजे

चतुर्थ सत्र : दिनांक 19 नवम्बर 2021, प्रातः 10:00

शोध पत्र संगोष्ठी के इन महत्त्वपूर्ण सत्रों के लिए सुधी प्राध्यापकों, साहित्यकारों, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों से कालिदास साहित्य से सम्बद्ध विषयों पर शोध पत्र आमंत्रित हैं। शोध पत्र साहित्य, कला, वास्तु, संस्कृति, इतिहास, पुरातत्व, विज्ञान, पर्यावरण, दर्शन,  जीवन मूल्य, शिक्षा,  समाजविज्ञान, मनोविज्ञान, अर्थशास्त्र आदि के परिप्रेक्ष्य में कालिदास साहित्य के किसी पक्ष से जुड़े हो सकते हैं। 

सभी सुधीजन कालिदास साहित्य के विविध आयामों पर स्वतंत्र रूप से या अंतरानुशासनिक दृष्टि से शोध पत्र प्रस्तुति के लिए सादर आमंत्रित हैं।




अखिल भारतीय कालिदास समारोह के अवसर पर आयोजित समस्त सांस्कृतिक एवं सारस्वत आयोजनों में आपकी उपस्थिति सादर प्रार्थनीय है।


प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा

सचिव, कालिदास समिति एवं 

कुलानुशासक

कला संकायाध्यक्ष

विक्रम विश्वविद्यालय

उज्जैन मध्यप्रदेश

मोबाइल : 9826047765 


विशेष जानकारी एवं पंजीयन के लिए संपर्क करें :

कालिदास समिति कार्यालय,

सिंधिया प्राच्य विद्या शोध प्रतिष्ठान, विक्रम विश्वविद्यालय, देवास रोड  (ऋषि नगर पेट्रोल पंप के सामने) उज्जैन

मोबाइल : 9630447895

मोबाइल : 9926396081


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20201129

विक्रम का कालिदास विशेषांक | सम्पादक : प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा | The Vikram : Kalidas Special Number | Editor : Prof. Shailendrakumar Sharma

विक्रम का कालिदास विशेषांक | सम्पादक : प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा 

The Vikram : Kalidas Special Number Volume 19, 2020 Editor : Prof. Shailendrakumar Sharma

अस्मदीयं

महाकवि कालिदास भारत की सांस्कृतिक और वैचारिक अस्मिता के अनन्य चितेरे हैं। सदियों से चली आ रही निगमागम, पुराख्यान और शास्त्र परम्परा को उन्होंने नई अर्थवत्ता दी, वहीं लोक जीवन, राग - ऋतु और प्रकृति के मर्मस्पर्शी चित्रों को उकेरने में उनके जैसा कोई दूसरा समर्थ रचनाकार दिखाई नहीं देता। समाज में आ रहे परिवर्तन भी विश्वकवि के दृष्टिपथ में थे। मानव जीवन के मूल में परम्परा और परिवर्तन, पुरातनता और नवीनता के बीच असमाप्त अंतर्क्रिया जारी है। यही बात किसी भी क्षेत्र से जुड़े  अनुसन्धान और नवाचार पर भी लागू होती है। पुरातन और नवीन में से अधिक महत्त्वपूर्ण और उपादेय कौन है, यह हमारे विवेक पर निर्भर करता है। इसीलिए वे संकेत देते हैं -

पुराणमित्येव न साधु सर्वं न चापि काव्यं नवमित्यवद्यम्।

सन्त: परीक्ष्यान्यतरद्भजन्ते मूढ: परप्रत्ययनेयबुद्धि:॥

अर्थात् पुरानी होने से ही न तो सभी वस्तुएँ अच्छी होती हैं और न नयी होने से बुरी या हेय। विवेकशील व्यक्ति अपनी बुद्धि से परीक्षा करके श्रेष्ठतर वस्तु को अंगीकार कर लेते हैं और मूर्ख जन दूसरों द्वारा बताने पर ग्राह्य या अग्राह्य का निर्णय करते हैं। वर्तमान दौर में उनका यह कथन अत्यंत प्रासंगिक बना हुआ है।


https://drive.google.com/file/d/1k0qL7TEbj1tZV-Zeh-GeBD-l0Rc6c2L1/view?usp=drivesdk


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Vikram Journal - Kalidasa Special Number Vol 19, 2020 pdf | विक्रम शोध पत्रिका | कालिदास विशेषांक

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सम्राट विक्रमादित्य की रत्नसभा के अनूठे रत्न के रूप में विख्यात महाकवि कालिदास (प्रथम शती ई. पू.) की पुण्य कर्मस्थली उज्जयिनी रही है। उन्होंने इस रम्य नगरी के अनेक स्थलों और जनजीवन का जीवंत अंकन किया है।  विशेष तौर पर शिप्रा और महाकालेश्वर मंदिर का वर्णन बड़े मनोयोग से किया है। उनके समय में यह मनोरम नगरी अपार वैभव और सौंदर्य से मंडित थी। इसीलिए वे इसे स्वर्ग के कांतिमान खण्ड के रूप में चिह्नित करते हैं- 'दिवः कान्तिमत्खण्डमेकम्‌'। 

महाकवि कालिदास की समर्चना में मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन एवं कालिदास संस्कृत अकादमी द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित अखिल भारतीय कालिदास समारोह राष्ट्रीय ख्यातिलब्ध महोत्सव है, जिसके अंतर्गत कालिदासीय अध्ययन को प्रोत्साहित करने की दृष्टि से गुणवत्तापूर्ण शोधपत्रों के लिए अनुसन्धानकर्ताओं को पुरस्कृत किया जाता है। विगत दो समारोहों में विक्रम कालिदास पुरस्कारों से अलंकृत शोधपत्रों का प्रकाशन विक्रम विश्वविद्यालय की शोध पत्रिका विक्रम के कालिदास विशेषांक में करते हुए हमें गौरव की अनुभूति हो रही है। 


महाकवि कालिदास का साहित्य उनकी सूक्ष्म अवलोकन दृष्टि और बहुज्ञता को प्रमाणित करता है। इस पत्रिका में समाहित एक शोध पत्र में श्री शशिकांत द्विवेदी ने कालिदास साहित्य में निरूपित योग दर्शन  की सम्यक् मीमांसा की है। डॉ लक्ष्मी मिश्रा ने कालिदास के रूपकों में आयुर्विज्ञान के संदर्भों को विवेचना का विषय बनाया है। डॉक्टर चंद्र भूषण झा ने राष्ट्र के विषय में कालिदास की अवधारणा का सूक्ष्म विश्लेषण  किया है। डॉ डॉली जैन ने महाकवि कालिदास के काव्य में प्रयुक्त उपमाओं के पौराणिक आधारों का गहन विश्लेषण अपने शोध पत्र में किया है। डॉक्टर योगिनी एच व्यास ने रघुवंश की सीता देहली दीप कल भी - आज भी के माध्यम से महाकवि की उदात्त दृष्टि का निरूपण किया है। 

डॉ रेणु बाला ने अभिज्ञानशाकुंतल के विशेष संदर्भ में कालिदास की अपृथग्यत्ननिर्वर्त्य  अलंकार योजना का समुचित विश्लेषण किया है। इसी प्रकार डॉ सरोज कौशल ने अभिज्ञानशाकुंतलम् के विशेष संदर्भ में महाकवि कालिदास के भाषिक सौंदर्य की पड़ताल की है। डॉ चंद्रकला आर कौंडी ने अपने शोध पत्र के माध्यम से तर्कपूर्ण ढंग से यह सिद्ध किया है कि महाकवि कालिदास के काव्य में निहित दोष सूक्ष्मता से विचार करने पर दोषहीन दिखाई देते हैं। 

विक्रम शोध पत्रिका का यह विशेष अंक इस आशा के साथ समर्पित है कि कालिदासीय अध्ययन, अनुसंधान और नवाचार की परंपरा निरंतर गतिशील बनी रहेगी।


विमोचन : अखिल भारतीय कालिदास समारोह के समापन अवसर पर इस शोध पत्रिका का विमोचन संपन्न हुआ।






प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा

सचिव

कालिदास समिति

आचार्य एवं विभागाध्यक्ष

हिंदी अध्ययनशाला

कुलानुशासक

विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन


20201124

अखिल भारतीय कालिदास समारोह

अखिल भारतीय कालिदास समारोह 2020

मध्यप्रदेश शासन के तत्वावधान में विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन, जिला प्रशासन एवं कालिदास संस्कृत अकादमी, उज्जैन का संयुक्त आयोजन

आमंत्रण पत्र : डाउनलोड करें PDF 

https://drive.google.com/file/d/1hbrXLvcu24yt__ozJcDfLhCeW-5noBcN/view?usp=drivesdk










सारस्वत आयोजन


राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी


सुधी प्राध्यापक / शिक्षाविद् / शोधकर्ता कालिदास साहित्य के विविध आयामों पर स्वतंत्र रूप से या अंतरानुशासनिक दृष्टि से शोध पत्र प्रस्तुति के लिए सादर आमंत्रित हैं।

दिनांक :  26 एवं 27 नवंबर 2020 

प्रतिदिन - प्रातः 10 : 00 बजे

स्थान : अभिरंग नाट्यगृह, कालिदास संस्कृत अकादमी विश्वविद्यालय मार्ग, उज्जैन

पंजीयन के लिए संपर्क :

प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा

सचिव

कालिदास समिति

विक्रम विश्वविद्यालय

सिंधिया प्राच्य विद्या शोध प्रतिष्ठान 

देवास मार्ग, उज्जैन


ईमेल :

shailendrakumarsharmaprof@gmail.com

मो. 9826047765 

मो. 7089513740


सांस्कृतिक कार्यक्रम



गढ़कालिका पर वागर्चन की विधि सम्पन्न


अ.भा. कालिदास समारोह के अवसर पर प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी प्रातः 10 बजे वागर्चन की विधि सन्त सुन्दरदास सेवा संस्थान एवं युग निर्माण समिति उज्जैन के सहकार से सम्पन्न हुई। इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.अखिलेश कुमार पाण्डेय, पूर्व कुलपति प्रो.बालकृष्ण शर्मा, कालिदास समिति के सचिव प्रो.शैलेन्द्रकुमार शर्मा, प्रो.तुलसीदास परोहा, अकादमी की प्रभारी निदेशक श्रीमती प्रतिभा दवे, उपनिदेशक डॉ.योगेश्वरी फिरोजिया, डॉ.पीयूष त्रिपाठी, डॉ.रमेश शुक्ल, श्री सत्यनारायण नाटानी, श्री मोहन खंडेलवाल मुकुल, श्री आशीष खंडेलवाल आदि गणमान्यजनों ने देवी का पूजन एवं स्तुति की। विद्वानों का स्वागत श्री मोहन खंडेलवाल मुकुल ने किया। धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम समन्वयक श्री राजेन्द्र अवस्थी ने किया।





















 









कलश यात्रा एवं मंगल घट स्थापना के साथ कालिदास समारोह की शुरुआत

तीन दिवसीय अखिल भारतीय कालिदास समारोह देव प्रबोधिनी एकादशी (25 नवंबर) से प्रारंभ होगा। उद्घाटन कालिदास संस्कृत अकादमी के पं. सूर्यनारायण व्यास संकुल हॉल में शाम 4 बजे बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर करेंगी। अध्यक्षता उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव करेंगे। पहले दिन कालिदास साहित्य में वर्णित नायिकाओं पर आधारित संस्कृत नाटक दीपशिखा का मंचन सतीश दवे के निर्देशन में होगा। दूसरे दिन शर्मा शर्मा के निर्देशन में हिंदी नाटक मालविकाग्निमित्र और तीसरे दिन प्रज्ञा गढ़वाल के निर्देशन में मालवी नृत्यनाटिका ऋतुसंहार का मंचन होगा। ये तीनों प्रस्तुतियां शाम 7 बजे से पं. सूर्यनारायण व्यास संकुल में होगी।


उद्घाटन से एक दिन पहले अकादमी ने रामघाट पर कलश पूजन किया और फिर प्रतीकात्मक यात्रा निकाल कलश को कालिदास अकादमी में स्थापित किया। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अखिलेशकुमार पांडेय, कालिदास समिति के सचिव प्रो. शैलेंद्रकुमार शर्मा, अकादमी की प्रभारी निदेशक प्रतिभा दवे, एसडीएम राकेशमोहन त्रिपाठी, नायब तहसीलदार भूमिका जैन, रूप पमनानी, ओम जैन उपस्थित थे। इस अवसर पर विधायक पारस जैन ने ज्योतिषविद् पं. आनंदशंकर व्यास का सम्मान किया। पं. व्यास ने कहा कि समारोह का मूल उद्देश्य संपूर्ण विश्व में संस्कृत संबंधी कार्य को एक मंच पर लाना है। पूर्व में महाकाल मंदिर और योगेश्वर टेकरी से मेघदूत के श्लोकों का प्रसारण होता था, वह दोबारा शुरू किया जाना चाहिए।


समारोह अंतर्गत मंगलवार शाम पं. सूर्यनारायण व्यास संकुल हॉल में नांदी कार्यक्रम अंतर्गत उज्जैन के नगाड़ा वादक नरेंद्र कुशवाह और लोक गायक सुंदरलाल मालवीय ने साथी कलाकारों के साथ प्रस्तुति दी। कार्यक्रम कोविड-19 गाइडलाइन पालन करते हुए किया गया। बताया कि कालिदास समारोह के उद्घाटन के साथ राष्ट्रीय चित्र एवं मूर्तिशिल्प कला की प्रदर्शनी का उद्घाटन भी होगा। ये प्रदर्शनी 1 दिसंबर तक सुबह 10 से रात 8 बजे तक लोग देख सकेंगे। इस प्रदर्शनी का अवलोकन यू-ट्यूब चैनल के माध्यम से भी किया जा सकेगा। समारोह के तीनों दिन अभिरंग नाट्यगृह में राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी भी होगी। 















कालिदास समारोह के संदर्भ में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष 24 नवम्बर को प्रतीकात्मक रूप में कलश यात्रा के संदर्भ में भगवती शिप्रा का पूजन एवं मंगल कलश का पूजन प्रातः 9 बजे शिप्रा तट रामघाट पर किया गया। वहां से कलश लेकर भगवान महाकाल को प्रणाम करते हुए अकादमी में मंगल कलश की स्थापना की गई। इस अवसर पर जनप्रतिनिधि, प्रशासकीय अधिकारी, समाजसेवी एवं आयोजन के अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति रही।












                                                                 



नान्दी के अंतर्गत हुई सांस्कृतिक प्रस्तुतियां


कालिदास समारोह शुभारंभ की पूर्व संध्या पर नांदी के अंतर्गत लोक गायक श्री सुंदर लाल मालवीय और उनके समूह द्वारा निर्गुणी भजनों की प्रस्तुति की गई। नगाड़ा सम्राट श्री नरेंद्र सिंह कुशवाहा एवं समूह द्वारा ताल वाद्य वादन किया गया।

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