पेज

20200725

प्रेमचंद और हमारे समय के सवाल : प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा | Premchand & Questions of our time - Prof. Shailendra Kumar Sharma

कथा सम्राट प्रेमचंद और हमारे समय के सवाल : प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा |विशेष व्याख्यान | 
Special Lecture on Premchand aur Hamare Samay ke Sawal | Prof. Shailendra Kumar Sharma


गांधी और अंबेडकर की तरह आज प्रेमचंद भी जरूरी - प्रो. शैलेंद्रकुमार शर्मा

प्रेमचंद जयंती के अवसर पर पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के हिंदी विभाग द्वारा आयोजित प्रेमचंद जयंती उत्सव 2020 के अंतर्गत आनलाइन विशेष व्याख्यान शृंखला का आयोजन किया जा रहा है। इसी व्याख्यान शृंखला के अंतर्गत विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के हिंदी विभागाध्यक्ष एवं कुलानुशासक प्रो. शैलेन्द्र कुमार शर्मा शामिल हुए। उन्होंने 'प्रेमचंद और हमारे समय के सवाल' विषय पर अपने व्याख्यान दिया। 




प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि प्रेमचंद ने अपने समय में जो सवाल महिला, दलित एवं शोषित वर्ग की ओर से खड़े किए वह आज भी ज्यों के त्यों ही बने हुए हैं। उन्होंने बताया कि जो छलांग प्रेमचंद के लेखन द्वारा हिंदी कहानियों और उपन्यासों ने विश्व स्तर पर लगाई हैं वह यदि प्रेमचंद नहीं हुए होते तो कई दशक तक हम नहीं लगा पाते और प्रेमचंद ने बड़ी सहजता से ही यह कर दिया।

प्रेमचंद के समक्ष उस समय की चुनौती पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि प्रेमचंद को जहां अंदर रूढ़िग्रस्त समाज पर चोट पहुंचानी थी तो साथ ही साथ बाहर अंग्रेजी हुकूमत पर भी प्रहार करना था और प्रेमचंद इस चुनौती को स्वीकारते हुए अपने लेखन में पूरी तरह सफल भी हुए। प्रेमचंद के साहित्य के कालजयी होने के संदर्भ में उन्होंने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमता (Artificial Intelligence) के इस युग में धन केंद्रित सभ्यता मनुष्य को भौतिक पदार्थ बना रही है, जिसे प्रेमचंद ने उस समय ही देखते हुए जो सवाल खड़े किए वह आज भी उतने ही प्रासंगिक बने हुए हैं। 

प्रो शर्मा ने विशेष तौर पर बताया कि प्रेमचंद ने अपने साहित्य में न केवल स्वराज बल्कि सुराज की मांग की तथा प्रेमचंद की दृष्टि में चेहरे बदल जाने से व्यवस्था नहीं बदलती, जबकि सबसे अधिक महत्व ही व्यवस्था में बदलाव का होता है। उन्होंने प्रेमचंद को बुद्ध, महावीर, गांधी, अंबेडकर, कबीर तथा तुलसीदास जैसे महान विचारकों के समकक्ष रखते हुए कहा कि प्रेमचंद आज भी समाज में उतने ही महत्वपूर्ण हैं। 

इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से पचहत्तर से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया जिनमें चेन्नई, गुवाहाटी, समस्तीपुर, चंदौली, दिल्ली और विभाग के शोधार्थी एवं विद्यार्थी शामिल रहे। 

विभागाध्यक्ष डॉ. गुरमीत सिंह ने बताया कि हिंदी विभाग हर वर्ष प्रेमचंद जयंती उत्सव का आयोजन करता रहा है। इस वर्ष महामारी के कारण यह उत्सव ऑनलाइन माध्यम से आयोजित किया जा रहा है जिसमें एक पखवाड़े तक अनेक कार्यक्रमों को आयोजित किया जा रहा है। इसकी शुरुआत विशेष व्याख्यान शृंखला की पहली कड़ी के रूप में डॉ. हरीश नवल के व्याख्यान के साथ हुई थी। 





इसके अतिरिक्त 21 जुलाई को प्रेमचंद की कहानियों पर आधारित कहानी वाचन शृंखला की भी शुरुआत की गई जिसमें अब तक चार कहानियां विभाग के फेसबुक पेज से प्रसारित की जा चुकी हैं तथा इस शृंखला को लेकर भी देशभर से खासा उत्साह देखने को मिला। कार्यक्रम में प्रो. नीरजा सूद, प्रो. नीरज जैन, प्रो. सत्यपाल सहगल, प्रो. पंकज श्रीवास्तव एवं डॉ. राजेश जायसवाल आदि अनेक शिक्षक भी शामिल रहे।







इस पखवाड़े में विशेष व्याख्यान शृंखला के अलावा लघुकथा लेखन प्रतियोगिता भी करवाई गई जिसमें प्रविष्टि भेजने की अंतिम तिथि तक देश के तमाम हिस्सों से विद्यार्थियों ने 50 से अधिक लघुकथाएं भेजी हैं। 












पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के हिंदी विभाग का वेब आयोजन |कार्यक्रम की वीडियो विभाग के फेसबुक पेज पर उपलब्ध है। वहां से सुन सकते हैं :

फेसबुक लिंक पर जाएँ : 












12 टिप्‍पणियां:

  1. 👌👌प्रेमचंद,कल भी प्रासंगिक थे,आज भी हैं और कल भी प्रासंगिक रहेंगे।

    जवाब देंहटाएं
  2. 👌👌प्रेमचंद,कल भी प्रासंगिक थे,आज भी हैं और कल भी प्रासंगिक रहेंगे।

    जवाब देंहटाएं
  3. प्रेमचंद जी के लेखन,चुनौती,कृत्रिम बुद्धिमत्ता,सुराज एवं व्यवस्था को लेकर बहुत ही शानदार विचार परम श्रद्धेय गुरुदेव जी के द्वारा,बहुत बहुत आत्मीय बधाई🙏🙏

    जवाब देंहटाएं
  4. सुंदर ।
    बधाई
    डाॅ0चंद्रकांत तिवारी

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत बहुत शुभकामनाएं और आभार गुरूजी

    जवाब देंहटाएं
  6. डॉ.पी. एन. देवले1.8.21

    बहुत ही उत्कृष्ट लेख, गुरुदेव प्रणाम ��

    जवाब देंहटाएं

Featured Post | विशिष्ट पोस्ट

महात्मा गांधी : विचार और नवाचार - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा : वैचारिक प्रवाह से जोड़ती सार्थक पुस्तक | Mahatma Gandhi : Vichar aur Navachar - Prof. Shailendra Kumar Sharma

महात्मा गांधी : विचार और नवाचार - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा : पुस्तक समीक्षा   - अरविंद श्रीधर भारत के दो चरित्र ऐसे हैं जिनके बारे में  सबसे...

हिंदी विश्व की लोकप्रिय पोस्ट