कबीर दर्शन एवं शिक्षक शिक्षा | प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा | Kabir Darshan evam Shikshak Shiksha | Prof. Shailendra Kumar Sharma
अंतरराष्ट्रीय वेब संगोष्ठी में व्याख्यान
कबीर दर्शन एवं शिक्षक शिक्षा
प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा
शिक्षा व्यक्तित्व का समग्र रूपांतरण करती है। शिक्षक की रूपान्तरकारी भूमिका कबीर चिंतन में है। शिक्षा का सम्बन्ध केवल साक्षर बनाने से नहीं, बल्कि व्यक्ति को सर्वांगीण, आत्मनिर्भर, भावनात्मक एवं प्रज्ञाशील बनाने से है। कबीर इसी अर्थ में कोरे आखर ज्ञान के विरुद्ध हैं।
शिक्षा का दायित्य है जीवन से जुड़े पहलुओं पर सवाल खड़े करना, तार्किक बनाना और जबाब तलाशना, कबीर का दर्शन यह करता है।
शिक्षक की जिम्मेदारी है कि वह सही - गलत का निर्णय लेने की क्षमता विकसित करे, कबीर लगातार यह करते हैं। आलोचक समाज और रचनात्मक समाज शिक्षा के जरिए बनता है, कबीर इस दिशा में निरन्तर गतिशील बने रहे। समतामूलक समाज का निर्माण शिक्षक शिक्षा और लोक शिक्षा दोनों का आदर्श है, कबीर अपनी वाणी के माध्यम से चिंतन के इसी स्तर पर ले जाते हैं। इसी तरह चारित्रिक विकास में शिक्षा की भूमिका देखना हो तो कबीर के दर्शन में देखी जा सकती है।
प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा
शिक्षा व्यक्तित्व का समग्र रूपांतरण करती है। शिक्षक की रूपान्तरकारी भूमिका कबीर चिंतन में है। शिक्षा का सम्बन्ध केवल साक्षर बनाने से नहीं, बल्कि व्यक्ति को सर्वांगीण, आत्मनिर्भर, भावनात्मक एवं प्रज्ञाशील बनाने से है। कबीर इसी अर्थ में कोरे आखर ज्ञान के विरुद्ध हैं।
शिक्षा का दायित्य है जीवन से जुड़े पहलुओं पर सवाल खड़े करना, तार्किक बनाना और जबाब तलाशना, कबीर का दर्शन यह करता है।
शिक्षक की जिम्मेदारी है कि वह सही - गलत का निर्णय लेने की क्षमता विकसित करे, कबीर लगातार यह करते हैं। आलोचक समाज और रचनात्मक समाज शिक्षा के जरिए बनता है, कबीर इस दिशा में निरन्तर गतिशील बने रहे। समतामूलक समाज का निर्माण शिक्षक शिक्षा और लोक शिक्षा दोनों का आदर्श है, कबीर अपनी वाणी के माध्यम से चिंतन के इसी स्तर पर ले जाते हैं। इसी तरह चारित्रिक विकास में शिक्षा की भूमिका देखना हो तो कबीर के दर्शन में देखी जा सकती है।
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