हिंदी अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन से पीएचडी हिंदी उपाधि प्राप्त शोधकर्ता
(2015 - 2022)
हिन्दी भाषा और साहित्य के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण अध्ययन, अध्यापन और अनुसंधान की दृष्टि से विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में हिन्दी अध्ययनशाला की स्थापना वर्ष 1966 ई में हुई।प्रारम्भ से ही यहाँ प्रतिष्ठित विद्वान, शिक्षक एवं अध्येता सक्रिय रहे हैं। आचार्य विश्वनाथप्रसाद मिश्र, आचार्य राममूर्ति त्रिपाठी, आचार्य शिवसहाय पाठक, आचार्य पवनकुमार मिश्र आदि जैसे आचार्यों ने यहाँ प्रारंभिक दशकों में शोध कार्य को गति दी थी। बाद के दौर में हिंदी अनुसंधान को निरन्तरता देते हुए प्रो भगीरथ बड़ौले निर्मल, प्रो हरिमोहन बुधौलिया, प्रो प्रेमलता चुटैल, प्रो गीता नायक, प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा, डॉ जगदीश चंद्र शर्मा आदि ने शोध निर्देशन करते हुए इस दिशा में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। विभाग को देश भर के प्रख्यात साहित्यकारों, मनीषियों के व्याख्यान, संवाद और रचनापाठ के अवसर मिले हैं। इनमें प्रमुख हैं- सुश्री महादेवी वर्मा, अज्ञेय, नन्ददुलारे वाजपेयी, शिवमंगलसिंह सुमन, विद्यानिवास मिश्र, भगवतशरण उपाध्याय, नामवर सिंह, देवेन्द्रनाथ शर्मा, कैलाशचन्द्र भाटिया, विश्वम्भरनाथ उपाध्याय, शिवकुमार मिश्र, श्यामसिंह शशि, अशोक वाजपेयी, प्रो गंगाप्रसाद विमल, प्रो सूर्यप्रकाश दीक्षित, महेंद्र भानावत, असगर वजाहत, सूर्यबाला, प्रो रामबक्ष, विजयदत्त श्रीधर आदि।
हाल के दशकों में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में एक साथ कई दिशाओं में महत्त्वपूर्ण शोध कार्य हुए हैं, जिनमें हिन्दी भाषा-साहित्य एवं संस्कृति के विविध आयामों के साथ ही लोक एवं जनजातीय भाषा, साहित्य और संस्कृति, आलोचनाशास्त्र, भाषाविज्ञान के विविध आयाम, वाचिक-अवाचिक भाषा-रूप, शब्दविज्ञान, तुलनात्मक भाषाविज्ञान, हिन्दी कम्प्यूटिंग, इंटरनेट, वेब पत्रकारिता, दृश्य जनसंचार माध्यम, मशीनी अनुवाद, राजभाषा हिन्दी आदि के अधुनातन संदर्भ विशेषतः उल्लेखनीय हैं। यह संस्थान मध्यप्रदेश के साहित्यिक-सांस्कृतिक विकास के लिए सक्रिय सहभागिता कर रहा है।
हिंदी अध्ययनशाला द्वारा संयोजित राष्ट्रीय स्तर के आयोजनों में प्रमुख रहे हैं- काव्य प्राध्यापन कार्यशाला, नाट्य प्राध्यापन कार्यशाला, मिथक संगोष्ठी, पुनश्चर्या पाठ्यक्रम, राष्ट्रीय शब्दावली कार्यशाला, सृजन संस्कार वर्ष, देवनागरी लिपि राष्ट्रीय संगोष्ठी, सूचना प्रौद्योगिकी और हिन्दी कार्यशाला, तुलसी पंचशती समारोह, प्रेमचंद जयंती समारोह, महात्मा गांधी 150 वी जयंती वर्ष पर तीन राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठी, अनेक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी, छात्र अध्ययन यात्रा आदि।कार्यरत शिक्षकों द्वाराराष्ट्रीय संगोष्ठियों, पुनश्चर्या पाठ्यक्रम, कार्यशालाओं और रचनापाठ के आयोजन में सहयोग-सहकार रहा है। जिन संस्थाओं के साथ विभिन्न अकादमी की गतिविधियां आयोजित की गई, उनमें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली, वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग, भारत सरकार, केंद्रीय हिन्दी निदेशालय, भारत सरकार, साहित्य अकादमी, नई दिल्ली, प्रेमचंद सृजनपीठ, म प्र संस्कृति परिषद, म प्र शासन, नागरी लिपि परिषद, नई दिल्ली, मध्य प्रदेश राष्ट्रभाषा भाषा प्रचार समिति, भोपाल, सप्रे संग्रहालय, भोपाल आदि।
- प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा
हिंदी अध्ययनशाला में अब तक सैकड़ों की संख्या में शोधार्थियों ने स्तरीय शोध कार्य के माध्यम से इस विभाग के गौरव को बढ़ाया है। यहां वर्ष 2015 से 2022 तक के पीएचडी उपाधि प्राप्त शोधकर्ताओं की सूची प्रस्तुत है।
1. नेहा नागर 2015
2. रोहन सिंह 2015
3. आभा सक्सेना 2015
4. शेबा सैयद 2015
5. योगेंद्र जोशी 2015
6. महेंद्र रणदा 2015
7. श्वेता परिहार 2015
8. नरेंद्रपाल शर्मा 2015
9. संदीप कुमार सिंह 2015
10. नंदिता चौहान 2015
11. ईश्वर सिंह पाटीदार 2015
12. चंदनबाला कोठारी 2015
13. वंदना शर्मा 2015
14. मीनाक्षी पुरोहित 2016
15. दीपक शर्मा 2016
16. गीतांजलि मिश्रा 2016
17. दीपक शर्मा 2016
18. प्रिया गंगापुरकर 2016
19. अल्पना बाकलीवाल 2016
20. रूपा भावसार 2016
21. जगदीश परमार 2016
22. सुशील कुमार सिंह 2016
23. उल्लास सोपान पाटील 2016
24. पिंकी कोठारे 2016
25. स्मिता करंजगांवकर 2016
26. नम्रता ओझा 2016
27. चंद्रकांता बड़ोले 2016
28. संगीता गुप्ता 2016
29. श्यामलाल निर्मल 2016
30. तोफानलाल चौहान 2017
31. कविता सूर्यवंशी 2017
32. अर्चना मेहता 2017
33. शीतल सिंह तोमर 2017
34. रेहाना बेगम 2017
35. उर्मिला पोरवाल 2017
36. प्रेरणा ठाकरे परिहार 2017
37. मुकेश चौहान 2017
38. रमाकांत पाल 2017
39. संध्या राजपूत 2017
40. ज्योतिबाला बैस 2017
41. निशा शर्मा 2017
42. भूपेंद्र सिंह भदौरिया 2017
43. प्रियंका शर्मा 2017
44. ममता चंद्रावत 2017
45. ज्योति यादव 2016
46. संजय कुमार राठौर 2018
47. सतीश कुमार 2018
48. श्वेता पंड्या 2018
48. मेघा गुप्ता 2018
50. गायत्री शर्मा 2018
51. रूपाली सारये 2018
52. कादम्बिनी जोशी 2018
53. प्रतिभा गुर्जर 2018
54. कला मौर्य 2018
55. कैलाश चंद्र बाडोलिया 2018
56. माधवी भट्ट 2019
57. पूर्णिमा पोरवाल 2019
58. मीनल मेहना 2019
59. अमित कुमार 2019
60. मुकेश भार्गव 2019
61. मोनिका वैष्णव 2019
62. बृजेंद्र सिंह तोमर 2019
63. अर्जुन सिंह पंवार 2019
64. संजय अटेरिया 2019
65. भारती ठाकुर 2019
66. श्रुति पाठक 2019
67. केदार गुप्ता 2020
68. स्वप्नदीप परमार 2020
69. विजय कुमार शर्मा 2020
70. उमेश कुमार गुप्ता 2020
71. आस्था व्यास 2020
72. पंढरीनाथ देवले 2020
73. संदीप कुमार यादव 2020
74. निरूपा उपाध्याय 2020
75. रीता माहेश्वरी 2020
76. भावना शर्मा 2020
77. राम सिंह सौराष्ट्रीय 2020
78. रिपुदमन तिवारी 2020
79. तारा वाणिया 2020
80. अनामिका कतरोलिया 2021
81. आरती परमार 2021
82. प्रियंका नाग 2021
83. स्वर्णलता ठन्ना 2021
84. श्वेता पाण्डेय 2021
85. प्रियंका परस्ते 2021
86. डॉली सिंह नागर 2021
87. सुदामा सखवार 2021
88. कुलदीप जाट 2021
89. उर्मिला शर्मा 2021
90. ममता सोलंकी 2021
91. मणिकुमार मिमरोट 2021
92. ज्योति नाहर 2021
93. हृदयनारायण तिवारी 2021
94. अभिलाषा तिवारी 2021
95. संजय कुमार 2022
96. संतोष चौहान 2022
97. सीमा सेन 2022
98. अनीता अग्रवाल 2022
99. मधुबाला मारू 2022
100. दयाराम नर्गेश 2022
101. शैलेंद्र प्रताप 2022
102. संदीप सिद्ध 2022
103. दीपशिखा परमार 2022
104. दुर्गा राजलवाल 2022
इस गौरवशाली परंपरा से जुड़ कर मेरे जैसे सैंकड़ों -हजारों साधारण विद्यार्थियों का जीवन और कैरियर संवरा है। जिन महान आचार्यों का नाम ऊपर आया है वे सभी वंदनीय हैं।
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